साल 2017 में, चुनावी हिंसा और कम मतदान प्रतिशत के चलते अनंतनाग लोकसभा सी ट पर उपचुनाव रद्द होने के बाद ऐसा लगा कि राज्य प् रशासन ने हाथ खड़े कर दिए थे. लेकिन इस समय स्थिति काफ़ी नियंत्रण में आ गई है. हालिया लोकसभा चुना वों के दौरान कोई बड़ी हिंसक घटना सामने नहीं आई. इसके साथ ही हुर्रियत का बदलता हुआ रुख़, विशेषकर बातचीत की दिशा में मीरवाइज़ उ मर फारुक़ के सकारात्मक बयान, बताता है कि अलगाववादियों का एक तबका एनआईए के दबाव में झुक रहे हैं. इसीलिए केंद्र सरकार ने मीरवाइज़ के संकेतों को नज़रअंदाज़ करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्य दलों को जांच के केंद्र में ला दिया है. उमर अब्दुल्लाह ने गृहमंत्री अ मित शाह की पहली कश्मीर यात्रा पर कहा है, "मुझे उम्मी द है कि (केंद्र सरकार में कश्मीर की) स्थितियों की ज़मीनी हक़ीकत और राज्य को लेकर नीति में बदलाव की ज़रूरत प र बेहतर समझ है." इसके कुछ दिन बाद सं सद में लोकतंत्र गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के अहम हिस्सा बना. उन्होंने अपना बड़ा समय लोकतंत्र और चुनाव पर बात करते हुए खर्च किया, कांग्रेस सरकार की ग़लति यों को गिनाया. उन्होंने बता...